Shubhanshu shukla

भारत के आसमान में चमका इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)

सोमवार, 7 जुलाई 2025 की रात भारत के लिए ऐतिहासिक बन गई जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) ने 28,000 किमी/घंटे की रफ्तार से दिल्ली-एनसीआर के ऊपर से उड़ान भरी। इस शानदार दृश्य ने भारत भर के एस्ट्रोफोटोग्राफरों, स्काईवॉचर्स और विज्ञान प्रेमियों का दिल जीत लिया।

इस खास क्षण को और भी खास बना दिया भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने, जो इस समय Axiom-4 मिशन के तहत ISS में वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। भारत के लिए यह गौरव का क्षण है, जब देश का एक बेटा अंतरिक्ष से धरती की ओर देख रहा है, और नीचे से पूरा देश आसमान की ओर!

कैमरे में कैद हुआ ऐतिहासिक पल

प्रसिद्ध एस्ट्रोफोटोग्राफर अजय तलवार और उनकी पत्नी नीलम तलवार ने इस दृश्य को दिल्ली के आसमान से कैमरे में कैद किया। उन्होंने Canon कैमरा और फिश आई लेंस के जरिए 90 से अधिक फोटो क्लिक कीं। अजय ने NDTV से बातचीत में कहा, “मानसून के बादलों के बीच से चमकता स्पेस स्टेशन देखना अविस्मरणीय क्षण था। मुझे गर्व महसूस हुआ जब मैंने ISS की ओर हाथ हिलाया और सोचा, क्या शुभांशु भी हमें देख रहे होंगे?”

ISS को देखने का सुनहरा मौका: जानिए समय और तरीका

ISS प्रतिदिन पृथ्वी के कई चक्कर लगाता है और कुछ विशेष समय पर यह भारत के ऊपर से गुजरता है। अच्छी बात यह है कि 12 जुलाई 2025 तक हर दिन आप इस अद्भुत नजारे को देख सकते हैं।

देखने का सही समय (भारत में):

  • 9 जुलाई: सुबह 4:10 से 4:16 बजे | रात 8:48 से 8:53 बजे तक
  • 10 जुलाई: सुबह 3:22 से 3:27 | सुबह 4:58 से 5:04 | शाम 7:59 से 8:05
  • 11 जुलाई: सुबह 2:34 से 2:36 | सुबह 4:09 से 4:15
  • 12 जुलाई: शाम 7:59 से रात 8:03 बजे तक

कैसे देखें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन?

  1. खुले आसमान की ओर देखें, विशेष रूप से पश्चिम से पूर्व दिशा में।
  2. यह एक चलती हुई चमकदार बिंदु की तरह दिखेगा, लेकिन कोई आवाज नहीं होगी।
  3. इसे देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता नहीं है।
  4. इसके लिए आप NASA का ‘Spot the Station’ ऐप या ISS Detector ऐप की मदद ले सकते हैं, जो आपको सटीक समय और दिशा बताएंगे।

शुभांशु शुक्ला: भारत का नया अंतरिक्ष नायक

शुभांशु शुक्ला इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारत की ओर से शोध और परीक्षण कर रहे हैं। Axiom-4 मिशन के तहत वह मानव शरीर, जैविक प्रयोगों और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण पर प्रभाव से जुड़े प्रयोग कर रहे हैं। इस मिशन से मिलने वाले डेटा से भारत को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह मिशन?

  • यह भारत के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई शुरुआत है।
  • इससे भारत को क्लाउड डेटा, स्पेस हेल्थकेयर और AI जैसे क्षेत्रों में लाभ होगा।
  • यह भविष्य में भारत के स्पेस स्टेशन मिशन के लिए मील का पत्थर बनेगा।

ISS को देखने का अनुभव क्यों अनोखा है?

ISS को आंखों से देखना, सिर्फ एक अंतरिक्ष यान को देखना नहीं है — यह उस मानवीय उपलब्धि को देखने जैसा है जो धरती और ब्रह्मांड को जोड़ती है। जब आप जानते हैं कि उसके अंदर कोई भारतीय मौजूद है, तो यह भावना और भी विशेष हो जाती है।

क्या करें आप?

  • अगले कुछ दिनों में साफ आसमान वाले स्थान पर जाकर ISS को जरूर देखें।
  • मोबाइल ऐप्स के जरिए ट्रैक करें और अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा करें।
  • बच्चों और परिवार को साथ लेकर जाएं, यह एक शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक अनुभव होगा।

शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की भारत के ऊपर उड़ान, एक ऐसा अवसर है जो बार-बार नहीं आता। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनना और अपने आसमान में अंतरिक्ष को देखना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

तो आज रात, समय देखकर आसमान की ओर जरूर देखिए — हो सकता है, शुभांशु भी उसी वक्त भारत को देख रहे हों।

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