भिलाई स्टील प्लांट (BSP) भारत का प्रमुख लौह अयस्क आधारित संयंत्र है, जिसे मुख्य रूप से पास के क्षेत्रों से प्राप्त लौह अयस्क, चूना पत्थर और डोलोमाइट का उपयोग कर स्टील बनाने के लिए स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ और देश में औद्योगिक विकास की गति को बढ़ावा मिला है।


लौह अयस्क की आपूर्ति: दल्लीराजहरा आयरन ओर कॉम्प्लेक्स

दल्लीराजहरा की स्थिति और खदानें

दल्लीराजहरा, भिलाई से लगभग 90 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यहाँ पांच प्रमुख खदानें कार्यरत हैं:

  • राजहरा मैकेनाइज्ड माइन
  • दल्ली मैकेनाइज्ड माइन
  • झारंदल्ली मैकेनाइज्ड माइन
  • दल्ली मैनुअल माइन
  • महमाया मैनुअल माइन

यहां से लौह अयस्क की आपूर्ति भिलाई स्टील प्लांट में की जाती है।


लौह अयस्क का भंडार (तालिका)

खदान का नामFe%SiO2%Al2O3%
राजहरा मैकेनाइज्ड67.311.760.84
दल्ली मैकेनाइज्ड64.094.38
झारंदल्ली63.444.361.90
दल्ली मैनुअल62.334.702.61
महमाया62.005.002.90
डुलकी63.673.602.76
कुल औसत64.883.481.83

दल्लीराजहरा की खनन प्रक्रिया

राजहरा मैकेनाइज्ड माइन

यहाँ ओपन कास्ट पद्धति द्वारा खनन किया जाता है, जिसमें 150 मिमी ड्रिलिंग, विद्युत पावर शॉवल और 50 टन डम्परों का उपयोग होता है। उच्च गुणवत्ता का अयस्क महमाया और झारंदल्ली के अयस्क के साथ मिलाकर उसकी गुणवत्ता में सुधार किया जाता है।

दल्ली मैकेनाइज्ड माइन

यहाँ का अयस्क अलुमिना की अधिकता और कम Fe कंटेंट के कारण वेट प्रोसेसिंग प्लांट से प्रोसेस किया जाता है। यहाँ 5.95 MTPA उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया था।

झारंदल्ली और महमाया माइन

यहाँ का उत्पादन राजहरा और दल्ली संयंत्र में भेजा जाता है। महमाया खदान से निकले अयस्क को राजहरा में क्रशिंग कर भिलाई भेजा जाता है।


भविष्य की योजना: रोवघाट खदान का विकास

भिलाई स्टील प्लांट ने रोवघाट खदान में 14 MTPA क्षमता से उत्पादन की योजना बनाई है ताकि भविष्य में लौह अयस्क की कमी न हो। रोवघाट खदान दल्लीराजहरा से 80 किमी दूर है। इसके लिए राजहरा से रोवघाट तक रेलवे लाइन का निर्माण भी SECR द्वारा किया जा रहा है।


फ्लक्स ग्रुप ऑफ माइन्स

नंदिनी चूना पत्थर खदान

यह भिलाई से 25 किमी दूर है। यहाँ से चूना पत्थर प्राप्त कर स्टील निर्माण में सिलिका और अलुमिना को स्लैग के रूप में निकालने में मदद मिलती है।

हिर्री डोलोमाइट खदान

यह बिलासपुर जिले में 140 किमी दूर स्थित है, जहाँ से डोलोमाइट का उत्पादन किया जाता है। इसे SMS ग्रेड और SP ग्रेड में प्रोसेस कर भिलाई स्टील प्लांट भेजा जाता है।


दल्लीराजहरा टाउनशिप की सुविधाएँ

भिलाई स्टील प्लांट ने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए दल्लीराजहरा में सुव्यवस्थित टाउनशिप का निर्माण किया है जिसमें आवास, स्कूल, बैंक, हॉस्पिटल (45 बिस्तर वाला), खेल के मैदान, सिनेमा हॉल और 30,000 क्षमता का स्टेडियम भी शामिल है।


भिलाई स्टील प्लांट न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में स्टील उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। दल्लीराजहरा खदानों से लेकर नंदिनी और हिर्री खदानों तक, लौह अयस्क आधारित उत्पादन ने औद्योगिकीकरण की गति को बढ़ाया है। रोवघाट खदान जैसे भविष्य के प्रोजेक्ट इसके उत्पादन को स्थिर और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *