क्या आप जानते हैं गुरु पूर्णिमा पर किए गए कुछ छोटे उपाय आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं? 2025 में गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष संयोग लेकर आ रहा है, जब गुरु का आशीर्वाद लेने से करियर में प्रगति, पढ़ाई में सफलता और जीवन में स्थिरता आ सकती है। जानिए इस वर्ष की तिथि, समय, राशियों के अनुसार पूजा का सही समय और क्या करें, क्या न करें ताकि इस गुरु पूर्णिमा पर आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आए।
गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय जानना क्यों है जरूरी? राशियों के अनुसार कब करें गुरु पूजा?
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025, गुरुवार को है। पूर्णिमा तिथि 9 जुलाई रात 08:40 बजे से शुरू होकर 10 जुलाई रात 09:12 बजे तक रहेगी। कई लोग पूजा का समय चूक जाते हैं, इसलिए इस दिन प्रातः 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक पूजा का समय श्रेष्ठ रहेगा। इस समय गुरु पूजा और मंत्र जाप करने से जीवन में छुपी बाधाएँ दूर होने लगती हैं।
गुरु पूर्णिमा पर राशियों के अनुसार सही समय पर पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
- मेष, सिंह, धनु: 06:00 – 08:00 बजे पूजा करें, शिक्षा और करियर में प्रगति मिलेगी।
- वृषभ, कन्या, मकर: 08:00 – 10:00 बजे, आर्थिक स्थितियों में सुधार होगा।
- मिथुन, तुला, कुंभ: 10:00 – 12:00 बजे पूजा करें, मानसिक शांति और निर्णय क्षमता बढ़ेगी।
- कर्क, वृश्चिक, मीन: 07:00 – 09:00 बजे, आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शक्ति प्राप्त होगी।
गुरु पूर्णिमा पर करें ये कार्य, बदल सकता है भाग्य
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। गुरु या उनके चित्र पर केसर, चंदन और पुष्प अर्पित करें। दीपक जलाकर गुरु स्तोत्र और गुरु गीता का पाठ करें। संभव हो तो गुरु मंत्र का 108 बार जाप करें। अपने गुरु के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें या उनके चित्र के सामने श्रद्धा से प्रणाम करें। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और किताबें दान करने से पितृ और ग्रह दोष भी कम होते हैं।
इन कार्यों से रहें दूर, नहीं तो पूजा का फल नहीं मिलेगा
गुरु पूर्णिमा के दिन झूठ बोलना, गुस्सा करना, नशा करना और विवाद में पड़ना पूजा के प्रभाव को कम करता है। इस दिन मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। दिखावा और अहंकार से बचें। मोबाइल और टीवी पर समय न गंवाकर ज्ञान प्राप्ति में समय लगाएं।
गुरु पूर्णिमा का रहस्य: क्यों इस दिन मिलती है दिव्य ऊर्जा?
गुरु पूर्णिमा का दिन केवल परंपरा नहीं, बल्कि आपके भीतर छुपी दिव्यता को जागृत करने का समय है। इस दिन ऋषि वेदव्यास जी की जयंती होती है, जिन्होंने महाभारत और वेद-पुराणों की रचना की। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा पूर्ण ऊर्जा देता है और गुरु के आशीर्वाद से आपकी अटकी योजनाएँ पूर्ण होने लगती हैं।
घर पर कैसे करें गुरु पूजा? आसान विधि जानिए
- स्वच्छ स्थान पर पीले कपड़े पर गुरु का चित्र रखें।
- केसर, चंदन और फूल अर्पित करें।
- घी का दीपक और धूप जलाएँ।
- पंचामृत से चरण धोकर वस्त्र अर्पित करें।
- गुरु गीता, गुरु स्तोत्र या गुरु मंत्र का जाप करें।
- अगर गुरु सजीव हैं तो उनसे फोन पर या सामने आशीर्वाद अवश्य लें।
- पूजा के बाद गुड़ और बेसन के लड्डू गरीब बच्चों में बांटें।
क्या गुरु पूर्णिमा से सच में जीवन में बदलाव आता है?
अगर श्रद्धा और नियमपूर्वक गुरु पूर्णिमा की पूजा की जाए, तो शनि, राहु और गुरु दोष शांत होते हैं। छात्र जीवन में ध्यान और स्मरण शक्ति बढ़ती है, नौकरी और व्यापार में नए अवसर आने लगते हैं। मन की बेचैनी दूर होती है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह दिन आपके भीतर की छुपी शक्तियों को जागृत करने का अवसर है।